चंद्रोदय वटी (विशेष) एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जो शरीर को बल और सुंदरता प्रदान कर सकती है। इसका सेवन न केवल नपुंसकता और निर्बलता को दूर कर सकता है, बल्कि मधुमेह और प्रमेह-पिडिका में भी लाभकारी हो सकता है। वृद्धों के लिए भी यह बहुत ही उपयुक्त हो सकती है।
चंद्रोदय वटी (विशेष) की मात्रा 1 से 2 गोलियाँ हो सकती हैं। इसे आधा छटाँक मलाई के साथ, प्रातः काल या सांय के समय सेवन करना चाहिए। सेवन के समय ऊपर से दूध पीना चाहिए, लेकिन इससे पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
इसका सेवन करते समय खाद्य सामग्रियों का ध्यान रखना जरूरी है। अधिक लाल मिर्च, गुड़, खटाई, तेल, अधिक नमक, क्रोध, चिंता, धूम्रपान, और तेज धूप से बचना चाहिए।
यह आयुर्वेदिक औषधि अत्यधिक कामोत्तेजक हो सकती है, इसलिए इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
किसी को यह औषधि किडनी समस्या, लघुशंका, किडनी में क्षति या सूजन होने पर नहीं लेना चाहिए।
चंद्रोदय वटी का सेवन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि यदि आपका यकृत सबल है और आप पित्त-प्रधान प्रकृति के हैं, तो आपको इसे लेने के साथ गुड़ युक्त मधुर पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
इस रसायन से विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए, यह आवश्यक है कि आप अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें।